विश्व हिंदू परिषद की धर्म संसद में शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संघचालक मोहन भागवत ने स्पष्ट कहा कि मामला निर्णायक दौर में है मंदिर बनने के करीब है इसलिए हमें सोच समझकर कदम उठाना पड़ा। उन्होंने यह भी कहा कि जनता में प्रार्थना, आवेश और जरूरत पड़ी तो ‘आक्रोश’ भी जगाया जाना चाहिए।
भागवत ने कहा, 'देश की दिशा भी इस उपक्रम में भटक न जाए, इसे भी ध्यान में रखेगें। आने वाले इन चार-छह महीने के इस कार्यक्रम को ध्यान में रखकर हमें सोचना चाहिए। मैं समझता हूं कि इन चार-छह महीने की उथल पुथल के पहले कुछ हो गया तो ठीक है, उसके बाद यह जरूर होगा, यह हम सब देखेंगे।' राजनीतिक उठापटक कुछ भी हो राम जन्म भूमि पर सिर्फ भव्य मंदिर बनेगा। इसके अतिरिक्त कुछ मंजूर नहीं है। हम एक इंच भी भूमि नहीं छोड़ेंगे।