दुनिया को हैरान करने वाले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) ने गुरुवार देर रात सैटलाइट कलामसैट और माइक्रोसैट-आर का सफल परीक्षण कर एक बार फिर इतिहास रचा है। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा लॉन्चिंग सेंटर में गुरुवार देर रात इसरो की ओर से एक ऐसा उपग्रह लॉन्च किया गया जो अब तक दुनिया के किसी देश ने नहीं किया हाेेेंंगा।
ISRO का सबसे हल्का उपग्रह इस उपग्रह को तमिलनाडु के 10वीं कक्षा के छात्रों ने मिलकर तैयार किया है और इसे 28 घंटे के काउंटडाउन के बाद गुरुवार रात 11.37 बजे प्रक्षेपित किया गया है। साल 2019 में पीएसएलवीसी-44 का प्रक्षेपण इसरो का पहला सफल मिशन बताया गया है।
उड़ान के कुछ देर बाद माइक्रोसैट-आर को उसकी कक्षा में स्थापित कर दिया गया। इस बात की जानकारी और एक तस्वीर इसरो ने ट्विटर पर भी शेयर की।
इसरो प्रमुख ने देश के छात्रों को दी बधाई
सैटलाइट लॉन्च के बाद छात्रों को खास बधाई देते हुए सिवन ने कहा, 'भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान देश के सारे छात्रों के लिए हमेशा उपलब्ध है। ऐसे में मैं छात्रों से कहना चाहता हूं कि आप अपनी बनाई सैटलाइट्स को हमारे पास लाएं और हम इसे आप के लिए लॉन्च करने में आपकी मदद करेंगे।' वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने भी वैज्ञानिकों को पीएसएलवी के इस सफल लॉन्च के लिए अपनी शुभकामनाएं दी।